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अब अपने घर पर एलोवेरा का पौधा कैसे उगाएं

Now How to Grow Aloe Vera Plant At your Home


एलोवेरा को ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है। ग्वारपाठा मतलब की एलोवेरा के पौधे को आमतौर पर सभी अपने बगीचे या घरों के गमलों में लगाना पसंद करते हैं। शायद ही आप यह जानते होंगे कि, ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। एलोवेरा का इस्तेमाल ब्लड शुगर कम करने, त्वचा को चमकदार बनाने के साथ-साथ अन्य और कई तरह की समस्याओं को दूर करने में भी किया जाता है। आप अपने घर में एलोवेरा को बहुत ही आसानी से लगा सकते हैं। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि, एलोवेरा घर पर कैसे लगाएं, इसे लगाने की विधि क्या है, और अधिक जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।





एलोवेरा लगाने का सही समय (Right time to apply aloe vera) :-

एलोवेरा को सालभर किसी भी मौसम में आप अपने घर पर लगा सकते हैं। लेकिन इसे गमले या ग्रो बैग की मिट्टी/मृदा में लगाने का सबसे बेस्ट(अच्छा) समय फरवरी से मार्च और अक्टूबर से नवंबर का महीना होता है। यह गर्म मौसम में अच्छी तरह बढ़ने वाला पौधा है।

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एलोवेरा लगाने के लिए पॉट(गमले) का साइज (Best Size Pot for Aloe vera Plant) :-

ग्वारपाठा मतलब एलोवेरा के पौधों की अच्छी बढ़त (ग्रोथ) के लिए इसे उचित आकार के गमले या ग्रो बैग में लगाएं, आप एलोवेरा के पौधे को निम्न आकार के गमले में लगा सकते हैं जिनका विवरण इस प्रकार है..... 


  • 12 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊंचाई)


  • 15 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊंचाई)


  • 15 x 15 इंच (चौड़ाई x ऊंचाई)


  • 24 x 12 इंच (चौड़ाई x ऊंचाई)


(नोट – आप अपनी सुविधा के अनुसार और जगह के अनुसार गमले या ग्रो बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं।






एलोवेरा का पौधा घर पर लगाने की टिप्स (Tips to plant aloe vera plant at home) :-


आप अपने घर पर गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में एलोवेरा बड़ी ही आसानी से लगा सकते हैं। आइये जानते हैं कि घर पर ग्वारपाठा(एलोवेरा) लगाने की टिप्स के बारे में..... 


  • आप पुराने एलोवेरा के पौधे के आस-पास से निकलने वाले छोटे पौधे को तोड़कर बिल्कुल साफ कर लें। अब लगभग 2 सप्ताह के लिए इसे छाव में रखा रहने दें, जिससे कि एलोवेरा का कटा हुआ भाग अच्छी तरह से सूख जाए। और मिट्टी/मृदा में लगाने के बाद सड़ने की संभावना बिल्कुल भी न रहे।


  • अब अतिरिक्त जल निकासी वाला उचित आकार (साइज) का गमला या ग्रो बैग लें।


  • गमले या ग्रो बैग में पॉटिंग मिट्टी (potting soil) भरें।


  • एलोवेरा के छोटे पौधे या बीजों को पॉटिंग मिट्टी/मृदा (potting soil) में लगाएं और जल दें।


  • और साथ ही यह भी ध्यान रखें कि, गमले या ग्रो बैग में जल जमा न हो। यदि जल जमा होगा तो लगाई गई एलोवेरा की पत्तियाँ सड़ जाएगी।


  • गमले या ग्रो बैग को कुछ दिनों तक छाया वाली जगह पर रखें, तथा 1 सप्ताह के अंतर से जल दें, जिससे कि जड़ें आसानी से विकसित हो सकें।


  • जब एलोवेरा की जड़ें मिट्टी/मृदा में विकसित हो जाए तो आप इसे सीधे धूप में रख सकते हैं।


  • जब इसमें से नई पत्तियां निकलने लगे तो इसे बड़े गमले या ग्रो बैग में लगा दें।


  • एलोवेरा के पौधे को नए गमले या ग्रो बैग की नम मिट्टी/मृदा में लगाने के बाद, उसे कम से कम एक हफ्ते तक जल न दें। इससे पौधे सड़ेगे नहीं और पौधो से भी नई जड़ें निकलने लगेंगी।


  • यदि कोई मोटी और हरी पत्तियाँ मिट्टी/मृदा में दबी होती हैं तो वो सड़ सकती हैं। अतः जो पत्तियां मिट्टी/मृदा को छू रही हैं या मिट्टी/मृदा में दबी हुई हैं उन्हें तुरंत अलग कर दें।


  • एलोवेरा उगाए गए गमले या ग्रो बैग की मिट्टी/मृदा में मल्चिंग करें, जिससे कि मिट्टी/मृदा में नमी बनी रहे।





गमले में एलोवेरा को लगाने की विधि (Aloe vera growing method at home) :-


घर पर एलोवेरा को लगाना और उसे ग्रो(बढ़ा) करना आसान है, हालाँकि इसे अन्य सकुलेंट और कैक्टस वाले पौधों की तुलना में पत्ती से ग्रो करना काफी मुश्किल होता है। आमतौर पर एलोवेरा की पत्ती लगाने के बाद इससे जड़ निकलने और एक स्वस्थ पौधे के रूप में विकसित होने की उम्मीद बहुत कम होती हैं। इसीलिए एलोवेरा लगाने की सबसे बेहतर विधि इसे शाखाओं या ऑफसेट(Offsets (Pups)) से उगाना है। घर पर एलोवेरा लगाने की सबसे आसान और सबसे सरल विधि निम्न हैं जो इस प्रकार है...... 


◆  एलोवेरा को ऑफसेट से कैसे उगाएं (Aloe vera offset Repotting) :-

जब एलोवेरा के पौधे बड़े और काफी पुराने हो जाते हैं तो वे छोट-छोटे एलोवेरा के पौधों का उत्पादन करते हैं। जिन्हें ऑफसेट, प्लांटलेट और पप्स कहा जाता है। ऑफसेट आमतौर पर एलोवेरा के पौधे के तने के किनारे से उगते यानी निकलते हैं। जिन्हें पूरी तरह से नया पौधा बनाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।


  • आप एलोवेरा के बड़े पौधे से ऑफसेट या पप्स को अलग कर लें।


  • मगर इस बात का विशेष ध्यान रखें कि, ऑफसेट की लम्बाई कम से कम 1 इंच या इससे भी अधिक होनी चाहिए। 


  • कटे भाग को कुछ समय के लिए मिट्टी/मृदा से बाहर छाया में रखें। यह ऑफसेट को कट के ऊपर एक कठोर रूप देता है, जो इसे सड़ने से बचाने मे मदद करता है।


  • अब पॉट(गमले) या ग्रो बैग में मिट्टी/मृदा को भर लें और इस मिट्टी/मृदा में ऑफसेट को लगा दें।


  • मिट्टी/मृदा अतिरक्त जल निकासी वाली ही होनी चाहिए।


  • इस प्रकार से काफी सरल विधि से आप पुराने एलोवेरा के पौधे से काफी सारे पौधे तैयार कर सकते हैं।

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◆  एलोवेरा बीज से कैसे उगाएं (How to Grow Aloe Vera From Seed) :-

आप अपने गमले या ग्रो बैग मे एलोवेरा के पौधों को बीज से भी उगा सकते हैं आइये जानते हैं, एलोवेरा को बीज से उगाने के तरीके के बारे में जो इस प्रकार है..... 


  • उचित साइज का गमला या ग्रो बैग का चुनाव करे। 


  • पहले यह सुनिश्चित करें कि गमले में उचित जल निकासी के लिए छिद्र हो।


  • गमले या ग्रो बैग में अच्छी पॉटिंग मिट्टी को अच्छे से भरें।


  • मिट्टी/मृदा में बीजों को लगभग 0.5 से 1.50 इंच की गहराई में लगाएं।


  • मिट्टी/मृदा में वाटर कैन (watering can) की सहायता से जितनी जरुरत हो, जल का छिड़काव करें।


  • एलोवेरा के बीज को अंकुरित होने में लगभग 2 से 5 हफ्ते(weekly) का समय लग सकता है।






एलोवेरा पौधे की देखभाल (Aloe Vera Plant Care) :-

एलोवेरा(ग्वारपाठा) के अच्छे और स्वस्थ पौधे प्राप्त करने के लिए पौधों की काफी देखभाल करने की जरूरत होती है। पौधे की देखभाल करने के तरीके निम्न हैं जो इस प्रकार है..... 



◆  एलोवेरा के लिए पानी (Water to Give Aloe Vera plant) :-


एलोवेरा(ग्वारपाठा) के विकास के लिए जल अत्यंत ही जरूरी होता है लेकिन कभी-कभी अधिक जल पौधों को हानि पहुंचा सकता है। ध्यान रखें कि, गमले या ग्रो बैग में जल भरा न रहे क्योंकि इससे एलोवेरा पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं और आपका पौधा नष्ट भी हो सकता हैं। एलोवेरा(ग्वारपाठा) के पौधों को तभी जल दें, जब मिट्टी/मृदा की ऊपरी परत सूखी दिखाई दे। क्योंकि बहुत ज्यादा जल देने से पौधों में फंगस(कवक) लगने का ज्यादा खतरा रहता है। आप पौधों को वॉटर केन  (water can) की सहायता से ही पानी दे सकते हैं। क्योकि वॉटर केन से पौधों मे अधिक जल गिरने का खतरा कम रहता है जिससे आपके पौधे की और भी सुरक्षा बढ़ जाती है। 






◆  एलोवेरा के लिए सूरज की रोशनी (Best Sunlight for Aloe vera plant) :-


एलोवेरा(ग्वारपाठा) पौधे लगे गमले या ग्रो बैग को किसी ऐसे जगह पर रखें, जहां पौधों को रोजाना कम से कम 6 से 8 घंटे की सूरज की रोशनी यानी की धूप प्राप्त हो सके। यदि आप इसे कम धूप में रखेंगे तो आपका एलोवेरा अत्यधिक कमजोर हो जायेगा। एलोवेरा के पौधे को धूप में रखने से पहले दो बातों का विशेष ध्यान रखें। 

  • अगर एलोवेरा पौधे की पत्तियां फ्लैट और नीची दिखें तो अपने एलोवेरा पौधे की धूप बढ़ाएं और 


  • अगर एलोवेरा पौधे की पत्तियां ब्राउन हो जाएं तो अपने एलोवेरा पौधे की धूप कम कर दें।


  • एलोवेरा(ग्वारपाठा) के पौधों को गर्मी के मौसम में दोपहर की अत्यधिक नुकसानदायक तेज धूप से बचाएं।






◆  एलोवेरा के पौधे के लिए तापमान (Good Temperature for Aloe vera plant) :-

एलोवेरा(ग्वारपाठा) का पौधा 13°C से 27°C के बीच वाले तापमान में बहुत अधिक तेजी से ग्रो करता हैं। आप जून से सितंबर के महीने में जब धूप अधिक तेज नहीं होती है यानी तापमान अधिक ज्यादा नही होता है तो आप अपने एलोवेरा पौधों को बाहर रख सकते हैं। परन्तु यदि रात को अधिक ठंडी रहती हों तो शाम को इसे घर के अंदर रख सकते हैं।

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◆  एलोवेरा के विकास के लिए सबसे अच्छी खाद (Best Fertilizer For Aloe Vera Plant) :-


आमतौर पर एलोवेरा(ग्वारपाठा) के पौधों को खाद की आवश्यकता नहीं होती है। इन्हें साधारण मिट्टी/मृदा में भी काफी आसानी से उगाया जा सकता है। फिर भी आप पौधों के ग्रोथ के लिए जैविक खाद जैसे- वर्मी कम्पोस्ट, बोन मील, रॉक फॉस्फेट और नीम केक  आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।






◆  एलोवेरा के पौधे की छटाई (Pruning Aloe Vera) :-

एलोवेरा(ग्वारपाठा) के पौधे के आसपास की मिट्टी/मृदा में घास और खरपतवार नहीं होनी चाहिए। मिट्टी/मृदा से खरपतवार बड़ी ही सावधानीपूर्वक निकालें, जिससे एलोवेरा पौधे की जड़ों को हानि न पहुंचे। इसके अतिरिक्त आप अपने एलोवेरा के पौधे से क्षतिग्रस्त भागों को अलग करने के लिए प्रूनर (pruner) का इस्तेमाल कर सकते हैं।






निष्कर्ष (Conclusion) :-

इस आर्टिकल में आपने जाना कि, बगीचे में एलोवेरा पौधा कैसे लगाएं, एलोवेरा पौधे की देखभाल (care) करने के तरीके क्या हैं। उम्मीद है यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित रहा होगा। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी साईट gardenglance.blogspot.com पर विजिट कर सकते हैं। इस आर्टिकल से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हों, कृपया कमेंट में जरूर बताएं।



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