What Is Creeper Net, When And How To Use it.
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गार्डन मे क्रीपर नेट क्या है (What is Creeper Net) :-
गार्डन मे उपयोग होने वाले नेट की विशेषताएं (Features of Creeper Net) :-
क्लाइम्बिंग या क्रीपर नेट एक ऐसा बागवानी उपकरण है, जिसका इस्तेमाल गार्डनर्स अपने घर पर बने बगीचे मे लगे बेल वाले पौधे या अन्य स्थान पर लगे बेल वाले पौधे को सहारा देने के लिए करते हैं। प्लांट सपोर्ट नेट (Creeper Net) एक ग्रिड (जालीदार संरचना) के साथ पौधों को चढ़ाई के लिए मदद करता है। क्रीपर नेट या प्लांट सपोर्ट नेट की विशेषताएं निम्न हैं जो इस प्रकार है......
● क्रीपर नेट जालीदार संरचना वाला एक पौधों को सपोर्ट देने वाला नेट(जाल) है।
● क्रीपर नेट काफी मजबूत और टिकाऊ होते हैं, जो सब्जियों व फलों के वजन को सहन करने मे सक्षम हैं।
● ये प्लांट सपोर्ट नेट वजन मे काफी हल्के और गाँठ रहित होते हैं।
● क्रीपर नेट मुलायम होते हैं, जिन्हें काफी आसानी से मोड़कर (Fold) कहीं पर भी रखा जा सकता है।
● प्लांट सपोर्ट नेट को आप कई सालों तक उपयोग कर सकते हैं।
● ये क्लाइम्बिंग नेट या क्रीपर नेट इस्तेमाल करने में बहुत ही आसान और सुविधाजनक होते हैं।
● क्रीपर नेट को आप किसी भी जगह पर जैसे- टेरेस, बालकनी, इंडोर, आउटडोर बगीचे में बेल को सहारा देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
क्रीपर नेट का इस्तेमाल कब करें (When to use creeper net) :-
बागवानी में क्रीपर नेट का इस्तेमाल बेल या लताओं वाले पौधे को सपोर्ट देने के लिए किया जाता है। बगीचे में लगे हुए कमजोर तनों वाले और अधिक फलदार पौधे जैसे- तरबूज, कद्दू, गिलकी, करेला, खरबूजा तथा टमाटर आदि को उनकी ग्रोइंग कंडीशन(बढ़ने वाली स्थिति) के समय क्रीपर नेट का सहारा देना चाहिए, ताकि पौधों के विकास के दौरान कोई हानि न पहुंचे और वे अच्छे से ग्रोथ कर सकें। प्लांट सपोर्ट नेट सब्जियों की उपज को बढ़ाने मे मदद करतें हैं, तथा पौधे के स्वस्थ विकास को प्रोत्साहित करते हैं। क्लाइम्बिंग नेट या क्रीपर नेट को अधिक से अधिक लम्बाई वाली सब्जियां(बेल वाली सब्जियां) जैसे- लौकी, इत्यादि मे लगाते समय क्षैतिज (horizontal) तरीके से तथा मालाबार पालक, मॉर्निंग ग्लोरी, खीरा, करेला, बीन्स इत्यादि मे 6-12 फीट लम्बाई वाले क्रीपर प्लांट्स के लिए वर्टिकल (Vertical) तरीके से क्रीपर नेट का इस्तेमाल किया जाता है।
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क्रीपर नेट का इस्तेमाल किन पौधों के लिए किया जाता है (Creeper Nets Used To Plants) :-
- तोरई (Ridge Gourd)
- चिचिंडा (Snake gourd)
- गिलकी (Sponge gourd)
- लौकी (Bottle Gourd)
- करेला (Bitter Gourd)
- खीरा (Cucumber)
- छप्पन कद्दू (Chappan Kaddu)
- टिंडा (Tinda)
- चायोटे (Chayote)
- पेठा (Ash gourd)
- खरबूज (Muskmelon)
- तरबूज (Watermelon)
- टमाटर (Tomato)
- सेम (Beans)
- लोबिया (Lobia Beans or Cowpea)
- हिम मटर (Snowpeas)
- कद्दू (Pumpkin)
- मालाबार पालक (Malabar Spinach)
- परवल (Pointed Gourd)
- कुंदरू (Little Gourd)
- ककोरा (Spine Gourd)
- अंगूर की बेल (Grapes Vine)
- हनीसकल (Honeysuckle)
- मॉर्निंग ग्लोरी (Morning Glory)
- बोगनविलिया
- मधुमालती
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क्रीपर नेट का इस्तेमाल कैसे करें (How To Use Creeper Net) :-
बगीचे में क्रीपर प्लांट्स को मजबूती से सहारा देने के लिए प्लांट सपोर्ट नेट या क्लाइम्बिंग नेट का इस्तेमाल निम्न 2 तरीकों से किया जा सकता है.......
1. क्षैतिज (horizontal)
2. लंबवत (vertical)
क्षैतिज तरीके से क्रीपर नेट का इस्तेमाल करने के लिए इसे बगीचे में लगभग 6-7 फीट की ऊँचाई पर अच्छी तरह खींचकर लगाना चाहिए, ताकि बेल के फलने-फूलने(ग्रोथ) पर क्रीपर नेट में ज्यादा झुकाव न हो। इसके अलावा लम्बवत या वर्टिकल तरीके से क्रीपर नेट का इस्तेमाल करने के लिए, इसे पौधे से लगभग 1 फुट की दूरी पर एवं जमीनी से कुछ ऊँचाई पर (गमले की ऊँचाई के अनुसार) अच्छी तरह से खींचकर लगाना चाहिए, जिससे बेल वाले पौधे क्रीपर नेट की मदद से लम्बवत बढ़ सकें।
प्लांट सपोर्ट नेट के लाभ (Advantages Of Plant Support Net) :-
क्लाइंबिंग नेट या प्लांट सपोर्ट नेट के इस्तेमाल से न केवल पौधे वर्टिकली(लम्बवत) ग्रो/विकास करते हैं, बल्कि इससे पौधों को कई और लाभ भी होते हैं। वर्टिकल बागवानी में आप क्रीपर नेट का इस्तेमाल करके कम से कम जगह में अधिक क्रीपर प्लांट्स ग्रो कर सकते हैं। इसके साथ ही प्लांट सपोर्ट नेट के इस्तेमाल से आपका बगीचे अधिक सुंदर और व्यवस्थित हो जाएगा। क्रीपर नेट के इस्तेमाल से होने वाले फायदे निम्न हैं जो इस प्रकार है........
● क्रीपर नेट आपके पौधों को मजबूती से सहारा प्रदान करने करने मे सहायता करते है।
● बेल वाले पौधों में उचित हवा का आदान-प्रदान और पौधे की सभी अंगो को धूप मिलने में सहायता प्रदान करता है।
● प्लांट सपोर्ट नेट पौधों को मिट्टी/मृदा या जमीन के संपर्क में नहीं आने देता है, जिससे पौधे में कीट और कवक रोग लगने की सम्भावना काफी हद तक कम हो जाती है।
● क्रीपर नेट बेल वाले पौधों को फैलने और तेजी से बढ़ने के लिए सहायता प्रदान करता है।
● क्रीपर नेट परागणको (पोलिनेटर्स) की मौजूदगी को भी बढ़ाता है, जिससे बेल वाली सब्जियों में काफी अच्छी तरह से पोलीनेशन हो सके।
● आप अपने होम गार्डन में आवश्यकता पड़ने पर कहीं भी क्रीपर नेट को काफी आसानी से और काफी सरलता से बाँध सकते हैं।
● क्रीपर नेट कम जगह में अधिक पैदावार को प्रोत्साहित करने में आपकी सहायता करते हैं।
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क्रीपर नेट कहाँ से खरीदें (Where to buy creeper net in india) :-
होम गार्डन में लगे हुए पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए क्रीपर नेट या प्लांट नेट से सहारा देना काफी बेहतर होता है। आप ऑनलाईन बाजार के माध्यम से सबसे सस्ते दामों में बेस्ट क्वालिटी के क्रीपर नेट या प्लांट नेट खरीद सकते है, जिनका उपयोग गार्डन में सब्जियों की उपज को बढ़ाने में आपकी मदद करता है। आप अपने जरूरत के अनुसार क्रीपर नेट का चुनाव कर सकते है।
निष्कर्ष (conclusion) :-
उपरोक्त आर्टिकल में आपने जाना कि, होम गार्डन में लगे हुए क्रीपर प्लांट्स अर्थात् बेल या लताओं वाले पौधों को लम्बवत ग्रो/विकास कराने के लिए तथा सब्जियों की अधिक पैदावार को प्रोत्साहित करने के लिए सबसे अच्छी क्वालिटी वाले क्रीपर नेट का इस्तेमाल कब और कैसे करना चाहिए, तथा इससे होने वाले लाभ कौन-से हैं। उम्मीद है यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित रहा होगा। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी साईट gardenglance.blogspot.com पर विजिट कर सकते हैं। इस आर्टिकल से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हों, कृपया कमेंट में जरूर बताएं।
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