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बगीचे में लगे हुए पौधों को बीमारियों से किस तरह बचाएं

How To Prevent Plant Diseases In Your Garden


अक्सर बगीचे में लगे हुए फल, फूल व सब्जी के पौधों में कई प्रकार की बीमारियाँ या रोग लग जाते हैं, जिसके कारण उस पौधे का विकास रुक जाता है या फिर वह पौधा नष्ट हो जाता है। आमतौर पर पौधों में रोगों के संक्रमण को नियंत्रित करके कम तो किया जा सकता है, लेकिन उन्हें पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। इसलिए बगीचे के पौधों को कई संक्रामक रोगों से बचाने के लिए आपको कुछ ऐसे ठोस उपायों को अपनाना होगा, जिससे कि पौधों में कोई भी बीमारी या रोग का संक्रमण न फ़ैल पाए। यदि आप जानना चाहते हैं कि बगीचे में लगे हुए पौधों को बीमारियों या रोगों से बचाने के उपाय और तरीके क्या हैं, तो हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़ें। जहाँ बगीचे के पौधे को रोग तथा बीमारी लगने से कैसे बचाएं या पौधों में रोग/बीमारी लगने से कैसे रोके? के बारे में बताया है।




बगीचे के पौधों को बीमारियों से बचाने के उपाय (Ways To Protect Garden Plants From Diseases) :-

होम गार्डन मे लगे पौधों को किसी भी रोग या बीमारी से बचाने के लिए उन सभी पौधों का स्वस्थ और मजबूत होना बहुत जरूरी है, लेकिन किसी वजह से आप अपने बगीचे के पौधों में रोग या बीमारी लगने से काफी चिंतित हैं और आप अपने गार्डन में लगे हुए पौधों को बीमारियों से बचाना चाहते हैं, तो इसके लिए आप निम्न तरह के उपायों अपना सकते हैं:-


1.  पौधों की नियमित रूप से जाँच करना।

2.  अपने बगीचे के लिए सही यानि कि उचित पौधों का चुनाव करना।

3.   रोग प्रतिरोधी किस्म वाले पौधों को लगाना।

4.  गार्डन में स्वच्छता बनाये रखना।

5.  पौधे को उगाने के लिए अच्छी तरह मिट्टी/मृदा को तैयार करना।

6.  गार्डन के पौधों की उचित देखभाल करना।

7.  गार्डन में कम्पेनियन प्लांट्स लगाना।

8.  पौधों पर पर्याप्त और उचित उर्वरक का उपयोग करना।

9.  पौधों को उचित मतलब सही समय पर जल देना।

10.  जैविक कवकनाशी का उपयोग करना।





1.  पौधों की नियमित रूप से जाँच करना (Checking Plants Regularly In The Garden) :-

होम गार्डन या टेरेस गार्डन में लगे हुए पौधों को विभिन्न प्रकार के बीमारियों से बचाने का सबसे जरूरी उपाय है पौधों की नियमित रूप से देखरेख/जांच करना। जांच के वक्त यदि किसी पौधे की पत्तियों पर संक्रमण के शुरूआती लक्षण जैसे लीफ स्पॉट्स, फंगस/कवक या पत्तियों का पीला होना इत्यादि ऐसे ही कुछ रोग दिखाई देते हैं, तो संक्रमण ज्यादा फैलने से पहले ही रोगग्रस्त हिस्सों को प्रूनर की सहायता से हटा कर पौधे की पत्तियों पर जैविक फंगीसाइड जैसे नीम ऑइल का छिड़काव कर सकते हैं। यदि संक्रमण के शुरूआती लक्षण दिखने पर ही उसे खत्म कर दिया गया, तो यह बाकि बचे पौधे तक नहीं फ़ैल पायेगा।






2.  बगीचे के लिए सही पौधों का चुनाव करना (Choose Right Plants In Garden for Planting) :-

यदि आप अपने घर और बगीचे में किसी पौधे को लगाने जा रहे हैं, तो पौधे को घर लाने से पहले उस पौधे की जाँच करें। यदि आपको उसकी पत्तियां पीली या मुरझाई हुई दिखाई देती हैं, तो उस पौधे पर संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है, इसलिए ऐसे पौधों को आप अपने बगीचे में न लगाएं, क्योंकि इससे बगीचे के बाकि पौधों मे भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। कुछ पौधों के रोग या संक्रमण बीजजनित भी होते हैं, इसलिए बगीचे में किसी भी पौधे के बीज लगाने से पहले उसे अच्छी तरह रोगमुक्त कर लें, जिससे की बीमारी होने का खतरा कम से कम हो जाए।






3.  पौधों की रोग प्रतिरोधी किस्म को लगाना (Choose The Resistant Varieties For Control Of Plant Diseases) :-

यदि आप अपने टेरेस गार्डन यानी घर की छत गमले में किसी पौधे को उगाने जा रहे हैं, तो आनुवंशिक रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले पौधे का चुनाव, रोग/संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। अधिकांश पौधे की कुछ किस्में रोगों/संक्रमण के प्रति अतिसंवेदनशील होती हैं, जिससे उन पर किसी भी रोग या बीमारी का प्रभाव जल्दी होने लगता है और यह बगीचे मे लगे बाकि पौधों को भी संक्रमित कर सकती हैं। इसलिए किसी भी पौधे के बीज खरीदने से पहले इस बात का बहुत ध्यान रखें, कि वह प्रतिरोधी किस्म के होने चाहिए, जिससे कि उन पर किसी रोग या बीमारी का प्रभाव जल्दी से न पड़े।

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4.  बगीचे की नियमित साफ सफाई बनाये रखना (Proper Clean Of Garden For Protect Plant Against Diseases) :-

बगीचे के पौधों को विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाने के लिए सबसे जरूरी है, अपने बगीचे में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना। यदि पिछले समय में बगीचे के किसी पौधे को फंगस/कवक या फफूंदी रोग लगा था, तो यह आपके अन्य पौधों को संक्रमित कर सकता है, इसलिए सक्रमित पौधों के मलवे को बगीचे से बाहर निकाल कर नष्ट कर देना चाहिए। इस बात का और भी ध्यान रहे इस मलवे को खाद में न मिलाएं, क्योंकि इसमें फंगस/कवक कई वर्षों तक जीवित रहती है, जो खाद में मिलकर मिट्टी/मृदा के माध्यम से वापस आ सकती है। कुछ रोग खरपतवार के कारण से भी फैलते हैं, इसलिए बगीचे में लगे हुए पौधों के आसपास की खरपतवार  को तुरंत ही हटा दें, जिससे कि पौधों पर रोगों के संक्रमण के उम्मीद का खतरा काफी कम हो जाए।






5.  बगीचे के पौधों की उचित देखभाल/केयर करना (Taking Proper Care Of Garden Plants) :-

घर या बगीचा या किचिन गार्डन में लगे हुए पौधों को बीमारी तथा रोगों से दूर रखने के लिए, आपको उन पौधों की नियमित और उचित देखभाल करनी होगी। देखभाल के दौरान आप प्रूनिंग(कटाई-छंटाई),  मल्चिंग  तथा समय-समय पर उर्वरक को दे सकते हैं। पौधे को ओवरविंटर(अत्यधिक ठंड) से बचाने, नया विकास तथा पौधों के आसपास हवा का प्रवाह बनाये रखने के लिए प्रूनिंग(कटाई-छंटाई) कर सकते हैं, तथा पौधे की मिट्टी/मृदा में एक समान रूप से नमी को बनाये रखने व पौधे के आसपास उगने वाली खरपतवार को कम करने या खत्म करने के लिए मल्चिंग तथा पौधे को स्वस्थ और मजबूत बनाये रखने के लिए आप समय-समय पर उर्वरक का भी उपयोग कर सकते है। 






6.  पौधे उगाने के लिए बेहतरीन मिट्टी तैयार करना (Right Potting Mix For Growing Plants) :-

किसी भी पौधे का विकास या ग्रोथ इस बात पर निर्भर करती है कि उसे किस तरह की मिट्टी/मृदा में उगाया गया है। अधिकांश यह देखा जाता है कि पौधे अच्छी जल निकासी वाली नमीयुक्त मिट्टी/मृदा को काफी ज्यादा पसंद करते हैं। यदि मिट्टी/मृदा अधिक गीली रहेगी, तो उसमें जल का निकास सही तरह से कभी नहीं हो पायेगा और पौधे की जड़ों को (जो पौधों के लिए सबसे अहम मानी जाती है) ऑक्सीजन नहीं मिल पाएगी, जिससे कि पौधों में जड़ सम्बन्धी अनेकों रोग हो सकते हैं, इसलिए बीज लगाने के लिए काफी अच्छे तरह से पॉटिंग मिक्स तैयार करें। किसी भी पौधे के बीज लगाते वक्त/समय यह भी ध्यान रखें, कि बीज को बहुत अच्छी तरह से सूखी हुई गर्म मिट्टी/मृदा में लगाएं, क्योंकि उमस भरी तथा अधिक ठंडी मिट्टी/मृदा में बीज लगाने से रोग के संक्रमण का खतरा काफी अधिक बढ़ सकता है।

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7.  बगीचे में कम्पेनियन पौधे लगाना (Planting Companion Plants In The Garden) :-

कुछ रोग/बीमारी एफिड्स, थ्रिप्स जैसे अन्य कीटों के कारण फैलते हैं। अतः इन बीमारी के संक्रमण को कम करने के लिए गार्डेन में लगे हुए पौधों के आसपास कुछ ऐसे कीट विकर्षक कम्पेनियन प्लांट्स(पौधों) को लगाना चाहिए, जो कि इन कीटों के प्रभाव को कम करने मे हम सभी लोगो की सहायता कर सकें। हालाँकि कुछ पौधे कीट आकर्षक भी होते हैं, यदि इन पौधों को गार्डेन में लगा दिया गया, तो बाकि पौधों पर भी संक्रमण का खतरा काफी अधिक तेजी से बढ़ सकता है, इसलिए बगीचे में लगे हुए पौधों के कम्पेनियन प्लांट्स को भी लगाना चाहिए, जिससे बगीचे के सभी के सभी पौधे रोगमुक्त रह सके। 






8.  पौधों पर उचित उर्वरक का इस्तेमाल करना (Using Proper Fertilizer On Plants) :-

बगीचे में लगे हुए पौधों पर उर्वरकों का इस्तेमाल काफी उचित मात्रा में ही करना चाहिए, क्योंकि यदि किसी पौधे पर काफी अधिक मात्रा में उर्वरक डाल दिया जाए, तो ओवर फर्टिलाइजर के प्रभाव से या ओवर फर्टिलाइजर के कारण पौधा झुलस सकता है। इसलिए कभी-कभी जरूरत से ज्यादा उर्वरक का इस्तेमाल भी विभिन्न रोगों/बीमारियों के संक्रमण का कारण बन सकता है।नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का इस्तेमाल कम करें, क्योंकि इस उर्वरक से बीज तो जल्दी अंकुरित होते हैं, परन्तु पौधों पर संक्रमण का खतरा उतना ही अधिक बना रहता है, इसलिए पौधे पर नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का इस्तेमाल सीमित मात्रा मे ही करना चाहिए।






9.  पौधों को सही तथा निश्चित समय पर जल देना (Watering The Plants At The Right Time) :-

बगीचे मे लगे पौधों को उचित तथा निश्चित समय पर जल देना चाहिए, क्योंकि अधिकांश बीमारियाँ/रोग जैसे रूट रॉट, क्राउन रॉट आदि पौधों में अधिक जल की मात्रा से नमी की अधिकता के कारण फैलती हैं। यदि पौधों को जरूरत से ज्यादा जल दिया गया, तो  ओवरवाटरिंग के कारण उनमें फंगस/कवक लग सकती है। इसलिए जब गमले की मिट्टी/मृदा सूखी हुई दिखने लगे, तभी अपने पौधों को जल दें। पौधों को सुबह के समय जल देना सबसे अच्छा होता है क्योंकि इस वक्त मिट्टी/मृदा सूखने के लिए भी उचित समय मिल जाता है। जल देते समय इस बात का भी ध्यान रखें, कि पौधे की पत्तियों को गीला न करें, इससे पौधे में विभिन्न प्रकार के रोग लग सकते हैं।

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10.  जैविक कवकनाशी का इस्तेमाल करना (Using Organic Fungicide For Prevent Plant Diseases) :-

होम गार्डन या टेरेस गार्डन में लगे हुए पौधों को रोगों व कीटों से बचाने के लिए आप जैविक फंगीसाइड यानी जैविक कवकनाशी जैसे नीम ऑइल, जैविक कीटनाशक साबुन आदि का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। मौसम में बदलाव होने के दौरान आप अपने बगीचे के पौधों पर इन फंगीसाइड का स्प्रे किया जाना सही होता है, क्योंकि इससे रोगों और बीमारियों के साथ-साथ पौधों पर कीटों के प्रभाव को भी कम करने में मदद मिलती है। ऊपर लिखे हुए तरीकों को अपनाने के साथ आप पौधों पर होममेड यानी घर पर बनाए गए कीटनाशक का छिड़काव भी कर सकते हैं।





निष्कर्ष (conclusion) :-

इस लेख में आपने जाना कि बगीचे के पौधों को रोगमुक्त कैसे करे तथा बगीचे मे लगे पौधों को विभिन्न रोगों/बीमारियों से बचाने के उपाय के बारे में। उम्मीद है यह अर्टिकल आपको काफी पसंद आया होगा। और उम्मीद है कि यह आर्टिकल आपके लिए काफी उपयोगी साबित रहा होगा। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी साईट  gardenglance.blogspot.com पर विजिट कर सकते हैं। इस आर्टिकल से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हों, कृपया कमेंट में जरूर बताएं।





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