Avoid these mistakes while watering plants
यह पौधे को हरा-भरा तथा स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है लेकिन पौधों को जल देते समय इस बात को भी ध्यान रखना होता है, कि उसे जल सही तरीके से दिया जा रहा है या नहीं। पौधों को जल देना सबसे आसान कार्य लगता है लेकिन यह बहुत ही सावधानीपूर्वक किया जाने वाला कार्य है। आज हम इस पोस्ट आपको बताएँगे कि पौधों को जल देते समय कौन सी गलतियां पौधों की वृद्धि में रुकावट का कारण बन सकती हैं, जिससे पौधे अस्वस्थ व मुरझाये हुए दिखाई देते हैं। पौधों को जल देते समय होने वाली गलतियाँ कौन सी हैं तथा जल देने का सही तरीका क्या है। आईये जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ते है।
पौधों में पानी देने की गलतियाँ और उनसे कैसे बचें (Watering Mistakes in Plants and How to Avoid Them) :-
हम सभी चाहते हैं कि हमारे गार्डेन में लगे हुए पौधे हमेशा स्वस्थ व हरे-भरे व ग्रोथ करते रहें और इसके लिए हम लगातार प्रयास भी करते हैं। पौधों को जीवित रहने के लिए तथा अच्छी वृद्धि/ग्रोथ के लिए सबसे जरूरी होता है जल। पौधों को उनकी जरूरत के अनुसार जल न देने पर या गलत तरीके से जल देने पर गार्डन में लगे हुए पौधों को काफी नुकसान होता है, आइये जानते हैं कि पौधों को जल देते समय कौन-कौन सी गलतियां होती हैं :-
1. पौधों को कम पानी या उथला पानी देना (अंडरवाटरिंग)
2. पौधों को जरूरत से अधिक पानी देना (ओवरवाटरिंग)
3. समय पर पानी न देना
4. गमले में पानी देते समय मिट्टी की नमी चेक न करना
5. जड़ों की बजाय पत्तियों पर पानी देना
6. गमले में ड्रेनेज होल की कमी
7. सही तरीके से पौधों को पानी न देना
1. अंडरवाटरिंग (Underwatering) :-
पौधों को स्वस्थ व हरा भरा रखने व उनकी जरूरतों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में जल न मिलने या कम जल मिलने की स्थिति को अंडरवाटरिंग (Underwatering) कहते हैं। घर के बगीचे या गमले में लगे हुए पौधे को उथला या कम जल देने पर मिट्टी बार-बार सूख जाती है जिसके कारण पौधों की जड़ों तक जल बिल्कुल भी नहीं पहुंच पाता और पौधों को मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व भी नहीं मिल पाते है। जिसके कारण बगीचे में लगे पौधों को काफी नुकसान होता है। अंततः पौधे मर भी सकते हैं। हमारी यह छोटी सी गलती पूरे पौधे को नष्ट कर सकती है या उसके विकास मे बाधा बन सकती है। आइये जानते हैं पानी की कमी (अंडरवाटरिंग) होने पर पौधों में किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं --
● पत्तियों का मुरझाना।
● पत्तियों का गिरना।
● पौधे की वृद्धि/ग्रोथ रुकना।
● मिट्टी का बार-बार सूखना।
● पत्तों का रंग फीका होना इत्यादि।
इस नुकसान से गार्डेन के पौधों को बचाने के लिए पौधों को बार-बार जल देने की बजाय गहराई से जल दिया जाना चाहिए, ताकि जल पौधों की जड़ों तक पहुंच जाये और पौधों को आवश्यक जल व पोषक तत्व प्राप्त हो सकें।
2. ओवर वाटरिंग ( Over Watering ) :-
कई बार ऐसा होता है कि हम सभी पौधों को स्वस्थ व हरा-भरा रखने की चाह में उनको जरूरत से ज्यादा जल दे देते हैं, अधिक जल की इस स्थिति को ओवरवाटरिंग (Overwatering) कहते हैं और जाने-अनजाने में की गई हमारी यह छोटी सी गलती पेड़-पौधों को काफी भारी नुकसान पहुंचाती है। यदि एक गमले में लगे पौधे को जरूरत से ज्यादा या अत्यधिक जल पिलाया जाए तो यह अत्यधिक जल पौधे के विकास मे बाधा उत्पन्न करते है। आइये जानते हैं पानी की अधिकता (ओवरवाटरिंग) होने पर पौधों में किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं --
● पौधे की जड़ें सड़ जाती हैं, फलस्वरूप पौधा सूखने या मुरझाने लगता है।
● पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं।
● पौधे में फफूंदी रोग व कीट लगने लगते हैं।
● पत्तियों में ब्राउन रंग के किनारे व धब्बे दिखाई देते हैं।
पौधों को स्वस्थ व हरा-भरा बनाए रखने के लिए तथा ओवरवाटरिंग से बचाने के लिए उनको उनकी जरूरत के अनुसार ही जल देना चाहिए।
(इसे भी जानें :- पौधों में ओवरवाटरिंग के लक्षण व बचाने के तरीके विस्तार से जाने.....)
3. पौधों को समय पर पानी न देना (Not Watering The Plants On Time) :-
गमले की मिट्टी में लगे हुए पौधों को उनकी जरूरत के हिसाब से व सही समय पर जल न देने से पौधे तनाव में आ सकते हैं, जिसके कारण उन्हें भारी नुकसान भी होता है, फलस्वरूप आपके पौधे मर भी सकते हैं, इस नुकसान से पौधों को बचाने के लिए सही समय पर जल देना चाहिए।
पौधों में जल डालने का सही समय सुबह या देर शाम का होता है क्योंकि इस समय पौधे में दिए गये पानी को पौधे की जड़े व पत्तियाँ अच्छे से व पूरी तरह जल को अवशोषित कर पाती है। लेकिन हमें दोपहर के समय पौधों को पानी नहीं देना चाहिए, क्योंकि ज्यादा तेज धूप में पौधों को जल देने पर जल की कुछ मात्रा वाष्पीकृत होकर उड़ जाती है फलस्वरूप पर्याप्त पानी पौधों की जड़ों तक नहीं पहुंच पाता।
4. पानी देते समय नमी चेक न करना (Do Not Check Moisture While Watering) :-
5. पानी देते समय पत्तियों को गीला करना (Wetting The Leaves When Watering) :-
6. ड्रेनेज होल की कमी (Lack Of Drainage Holes) :-
आपके पौधे लगे हुए गमले के तल में ड्रेनेज होल या जल निकासी छिद्र की कमी के कारण आपके द्वारा पौधों को दिया गया अतिरिक्त जल बाहर नहीं निकाल पाता, जिससे मिट्टी में जलभराव की सम्भावना बढ़ जाती है और जल की अधिकता के कारण पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं फलस्वरूप आपका पौधा मर सकता है। इसीलिए पौधा लगाने के लिए इस्तेमाल किये गये गमले में जरूरत से ज्यादा जल निकास के लिए छिद्र होना सुनिश्चित करें।
(इसे भी पढ़े :- जानिए, कब कौन सा पोषक तत्व चाहिए पौधों को....)
7. सही तरीके से पानी न देना (Not Watering Properly) :-
आपके द्वारा होम गार्डन में या गमले की मिट्टी में लगे हुए पौधों को ऊपर से जल देने या तेज धार से जल देने पर गमले की मिट्टी बह जाती है जिसके कारण पौधे की जड़ें भी दिखाई देने लगती हैं। जिससे आपके बगीचे मे लगे पौधे को काफी नुकसान होता है। इसके अतिरिक्त अगर पौधों को जल देते समय पौधे की पत्तियों पर मिट्टी के छींटे पड़ते हैं, तो यह आपके पौधे में कई रोग व बीमारियों को फैला सकता है, इसीलिए पौधों को एक समान व धीमी गति से जल देना सही मायने मे उचित होता है।
निष्कर्ष (conclusion) :-
अगर आप भी अपने पौधों की सही तरह से देखभाल करते हैं लेकिन फिर भी आपके पौधे में पत्तियों का सूखना, मुरझाना व पत्तियों में पीलापन आना इत्यादि समस्याएं दिखाई देती हैं तो यह पौधों को जल देते समय की जाने वाली गलतियों के कारण हो सकता है। पौधों को स्वस्थ व हरा-भरा बनाये रखने के लिए जल देते समय उपर्युक्त गलतियों को करने से बचना चाहिए। जिससे की आपके गार्डेन मे लगे पौधों को अच्छी ग्रोथ मिल सके। और अपने बगीचे को हरा भरा बनाया जा सके। बागवानी से सम्बंधित महत्वपूर्ण आर्टिकल पढ़ने के लिए gardenglance.blogspot.com पेज पर जाएं। यह लेख आपको कैसा लगा, कमेंट में जरूर बताए।
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