Plant Fungal Diseases Symptoms And Treatment
परंतु इस पोस्ट में हम आपको पौधों में कवक (Fungus) से होने वाले रोग कौन-कौन से होते हैं, पादप कवक रोगों या फफूंद जनित रोगों के लक्षण कौन कौन हैं, और इनकी रोकथाम और नियंत्रण के लिए क्या-क्या उपाय है, और साथ ही सबसे मुख्य कवक रोगों के लक्षण के बारे में पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी। तो चलिए शुरू करते है.....
कवक जनित पादप रोग होता क्या है (What Is Fungal Disease In Plants) :-
पौधों में फफूंद या कवक रोगजनकों (Pathogen) से होने वाले रोगों को कवक जनित रोग (Plant Fungal Disease) कहा जाता है। एन्थ्रेक्नोज (anthracnose), लीफ स्पॉट (leaf spot), ब्लाइट (blight) आदि पौधों में होने वाले फंगस रोग हैं। फ्यूजेरियम (fusarium), पायथियम (pythium) आदि कवक रोगजनक (Plant Pathogen Fungi) हैं।
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कवक यानी फंगस से होने वाले कुछ प्रमुख पादप रोग (Common Fungal Diseases In Plants) :-
वैसे तो पौधों में कई प्रकार के कवक यानी फंगस रोग होते हैं, लेकिन यहाँ नीचे कुछ कॉमन नाम दर्शाये गए हैं जो इस प्रकार है.....
◆ पाउडरी मिल्ड्यू/सफेद कवक (Powdery Mildew)
◆ डाउनी मिल्ड्यू (Downy Mildew)
◆ डंपिंग ऑफ डिजीज (Damping Off Diseases)
◆ रस्ट कवक रोग (Rust Fungal Diseases)
◆ सूटी मोल्ड (Sooty moulds)
◆ लीफ स्पॉट (Leaf Spot)
◆ काला धब्बा रोग (Black Spot Diseases)
◆ एन्थ्रेक्नोज रोग (Anthracnose)
◆ विल्ट रोग (Wilt Diseases)
◆ जड़ सड़न रोग (Root Rot Diseases)
पौधों में कवक/फंगस रोगों के लक्षण (Symptoms Of Fungal Diseases In Plants) :-
तो चलिए जानते हैं पौधों में कवक/फंगस के कारण होने वाले रोग के सामान्य लक्षण (Fungal Diseases Symptoms) क्या- क्या है.....
1. पाउडरी मिल्ड्यू/फफूंदी रोग के लक्षण (Powdery Mildew Symptoms) :-
● पत्तियों और तनों के ऊपर सफेद कलर के धब्बे दिखाई देते हैं। ये सफेद धब्बे ऐसे लगते हैं, कि जैसे मानों पत्तों के ऊपर कोई सफेद पाउडर को छिड़क दिया गया हो। इस कारण इसे पाउडरी मिल्ड्यू कहा जाता है।
● ये धब्बे पत्ती के एक तरफ नही बल्कि दोनों तरफ दिखाई देते हैं।
2. डाउनी मिल्ड्यू कवक रोग/बीमारी के लक्षण (Downy Mildew Symptoms) :-
यह डाउनी मिल्ड्यू रोग मृदा जनित कवक/फंगस (Soil Borne Fungi) पेरोनोस्पोरा पैरासिटिक (Peronospora Parasitic) के माध्यम से फैलता है। यह नमी वाले मौसम का रोग है, क्योंकि पेड़ पौधों की पत्तियों का काफी लंबे समय तक गीला रहना, इस रोग के संक्रमण को और भी ज्यादा बढ़ाता है। यह रोग मटर सेम, करेला, फूलगोभी, लौकी, कद्दू आदि सब्जी वाले पौधों में होता है। इस कवक/फंगस रोग (Downy Mildew) के निम्न लक्षण (Symptoms) होते हैं....
● पत्तियों की ऊपरी सतह पर पीले रंग के दाग धब्बे दिखाई देने लगते हैं।
● पत्ते को पलटा कर देखने पर धब्बों का केंद्रीय हिस्सा गलने जैसा दिखाई पड़ता है।
● पत्ती के नीचे की तरफ धब्बों के नीचे भूरे या सफेद रंग की परत बन जाती है। नीचे की तरफ फफूंद लगने की वजह से इसे डाउनी मिल्ड्यू नाम दिया गया है।
3. डंपिंग ऑफ बीमारी की पहचान (Symptoms Of Damping Off Disease) :-
यह रोग मुख्यतः छोटे पौधों या सीडलिंग में दिखाई देता है। डम्पिंग ऑफ रोग, मृदा में पाए जाने वाले अनेक कवकों जैसे राइजोक्टोनिया सोलानी (Rhizoctonia Solani), फाइटोफ्थोरा (Phytophthora) आदि के कारण फैल पाता है। इस रोग (Damping Off) के निम्न प्रकार के लक्षण होते हैं.....
● सीडलिंग या छोटे पौधे मुरझाने लगते हैं।
● पौधे की सीडलिंग पर कत्थई या काले घाव नजर आते हैं।
● संक्रमण के अधिक फैलने से सीडलिंग मुरझाकर नीचे गिर जाती है।
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4. रस्ट फंगस रोग के लक्षण (Rust Fungus Symptoms) :-
पौधों में रस्ट कवक/फंगस रोग (Rust Fungus) प्यूकिनिलेस (Pucciniales) नामक कवक/फंगस के कारण फैलता है। नमी का स्तर बहुत ही ज्यादा होने के कारण इस रोग का संक्रमण सब्जी, फल-फूलों, झाड़ियों आदि पौधों में बहुत अधिक तेजी से फैलता है। जंग कवक (Rust Fungus) रोग के कारण पौधों आदि पर निम्न लक्षण (Symptoms) दिखाई पड़ते हैं....
● पौधों की पत्तियों की ऊपरी सतह पर सुनहरे (Brown) जंग के कलर जैसे कई सारे दाग धब्बे दिखाई पड़ते हैं। ये धब्बे लाल (Red), नारंगी (Orange) और पीले (Yellow) रंग के भी होते हैं।
● रोग बढ़ने पर पौधे के पत्ती के धब्बों के भीतर गहरे ब्राउन और काले रंग की रेखाएँ और बिंदु बन जाते हैं।
5. काला धब्बा बीमारी की पहचान (Black Spot Plant Fungal Disease Symptoms) :-
इस कवक/फंगस रोग में पौधे की पत्तियों की ऊपरी परत पर छोटे-छोटे काले रंग के धब्बे (Black Spots) दिखाई देते हैं। इन धब्बों के चारों ओर/तरफ पीली किनारी होती है। काला धब्बा बीमारी में पौधों की पत्तियां अपने निश्चित समय से पहले ही गिरने लगती हैं और बीमारी बढ़ने पर पूरा का पूरा पौधा मुरझाने लगता है। यही नही कभी कभी काले धब्बे पौधे की नई टहनियों पर भी नजर आ सकते हैं। काले धब्बे ठंडे, नम मौसम या वातावरण में होता है और यह काला धब्बा गुलाब के पौधे को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
6. एन्थ्रेक्नोज रोग/बीमारी के लक्षण (Anthracnose Fungal Disease Symptoms) :-
पौधों में होने वाला एन्थ्रेक्नोज रोग, मिट्टी/मृदा में पाए जाने वाले कवक/फंगस कोलेटोट्रिचम ग्लियोस्पोरियोइड्स (Colletotrichum Gloeosporioides) के कारण होता है। यह रोग मुख्यतः आम, केला, पपीता, टमाटर, करेला, अंगूर, अनार आदि जैसे पौधों को प्रभावित करता है। पौधों में एन्थ्रेक्नोज बीमारी के निम्न लक्षण दिखाई देते हैं.....
● पौधे की पत्तियों के किनारों पर और फलों पर पीले और सुनहरे (Brown) रंग के घाव या धसे हुए धब्बे नजर आते हैं और ये धब्बे समय के साथ बड़े होते जाते हैं।
● घाव अंडाकार जैसी संरचना में होते हैं।
● पौधों से पत्ते और फल अपने समय से पहले ही गिर जाते हैं।
7. जड़ सड़न रोग/बीमारी के लक्षण (Symptoms Of Root Rot Disease) :-
पौधे में रूट रॉट या जड़ सड़न रोग (Root Rot), फाइटोफ्थोरा (Phytophthora), राइजोक्टोनिया (Rhizoctonia), पाइथियम (Pythium) कवक/फंगस की प्रजातियों के कारण होता है। ये कवक/फंगस गीली मिट्टी में पनपते हैं, और ये कवक पौधे की जड़ों को पूरी तरह से संक्रमित करते हैं, जिससे पौधों की जड़ें गलने के साथ साथ सड़ने भी लगती हैं। इस रोग/बीमारी के कारण पौधे का विकास अचानक रुक जाता है जिसके कारण पौधे मुरझाकर सूखने लगते हैं। पौधे का मुख्य तना काले रंग का और गलने जैसा दिखाई पड़ने लगता है।
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8. विल्ट रोग/बीमारी के लक्षण (Wilt Fungal Disease Symptoms) :-
पौधों में विल्ट रोग दो तरीके के होते हैं। पहला फ्यूजेरियम विल्ट और दूसरा वर्टिसिलियम विल्ट। फ्यूजेरियम विल्ट कवक/फंगस रोग में पत्तियां मुरझाती हैं और पौधे का विकास रुक जाता है। यह अधिकतर गर्मी के मौसम मे होता है। जबकि वर्टिसिलियम विल्ट कवक/फंगस रोग में पौधे की शाखाएं अचानक से मुरझाने (Wilt) सी लगती हैं और पत्तियां पीली होकर अपने समय से पहले गिरने लगती हैं।
9. सूटी मोल्ड रोग के लक्षण (Sooty Mold Symptoms) :-
इस कवक/फंगस रोग में पौधे की पत्तियों, फलों और तने के ऊपर काले कलर की फफूँदी नजर आती है। पत्तियों का रस चूसने वाले कीट उन पौधों की पत्तियों पर एक शहद के जैसा चिपचिपा पदार्थ छोड़ते हैं, जिसे हनीड्यू (Honeydew) कहा जाता है या कह सकते है। सूटी मोल्ड रोग, इसी हनीड्यू पदार्थ पर फैलता है। इस रोग/बीमारी के बढ़ने पर पत्ती गहरे काले रंग की फफूंद (Black Mold) से पूरी तरह ढक जाती हैं। इन पत्तों को देख कर तो मानो ऐसा लगता है कि जैसे उन पर कालिख या क़ाली स्याही पोत दी गई हो।
10. ब्लाइट रोग/बीमारी के लक्षण (Blight Fungal Disease Symptoms) :-
इस कवक/फंगस रोग की जब शुरुआत होती है तो पहले पौधे की पत्तियां किनारे से सुनहरे (Brown) रंग की होने लगती हैं। परन्तु कुछ समय के बाद पौधों की पत्तियां अंदर की तरफ मुड़ने (Curl) यानी टेढी होने लगती हैं और फिर कुछ समय बाद सूख जाती हैं।
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पौधों में कवक/फंगस रोगों की रोकथाम (Prevention Of Fungal Diseases In Plants) :-
अगर आप नीचे बताई गई निम्न सावधानियों को अपनाते हैं तो पौधों में होने वाले कवक/फंगस रोगों की रोकथाम बहुत ही आसानी से कर सकते हैं।
1. किसी भी पौधे में अत्यधिक यानी जरूरत से ज्यादा जल (Overwatering) न दें। ऊपर की मिट्टी यानी कि ऊपरी मिट्टी सूखी होने पर ही जल दें।
2. मिट्टी को काफी लम्बे समय तक ज्यादा गीला न रखें। गीली मिट्टी में कवक रोग जल्दी पनपते हैं।
3. बगीचे मे लगे पौधे की पत्तियों को बिल्कुल भी गीला न करें।
4. दो या दो से अधिक पौधों कके बीच उचित दूरी बनाएँ रखें। इसी प्रकार बगीचे मे नये पौधों को उचित दूरी पर लगाए। इससे हवा का प्रवाह (Air Circulation) बनाये रखने में काफी सहायता मिलती है।
5. बगीचे मे लगे सभी पौधों को उचित धूप दिखाएँ।
6. अगर किसी पौधे में कवक/फंगस रोगों का संक्रमण अधिक फ़ैल गया है, तो उसे गमले से उखाड़ कर फेंक दे, ताकि अन्य पौधे में रोग न फ़ैल सकें।
7. अगर पौधे की केवल कुछ पत्तियां ही फंगस से प्रभावित हैं, तो उन पत्तियों को पौधे से कैंची से काटकर अलग कर दें और पौधे पर नीम तेल या अन्य कवकनाशी दवाई का छिड़काव करें।
8. कोई भी गार्डन टूल (बगीचे का औजार) का इस्तेमाल करने से पहले उसे सैनिटाइजर से कीटाणु रहित कर लें।
पौधों में कवक जनित रोगों का नियंत्रण (How To Control/Treat Fungal Diseases In Plants) :-
निष्कर्ष (conclusion) :-
इस आर्टिकल में आपने जाना कि कवक/फंगस जनित पादप रोग या पौधों में कवक/फंगस रोग कौन-कौन से होते हैं तथा कवक/फंगस रोगों के लक्षण और इनके बचाव तथा नियंत्रण के उपाय के बारे में। उम्मीद है कि आपको पादप कवक रोग से जुड़ा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी साईट gardenglance.blogspot.com पर विजिट कर सकते हैं। इस आर्टिकल से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हों, कृपया कमेंट में जरूर बताएं।
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