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जून-जुलाई महीने के समय घर पर लगाने वाली सब्जियां

Vegetables to grow at home during June-July


गर्मियों का मौसम बीत जाने के बाद जब मानसून (जून-जुलाई) का मौसम आता है, तो उसके साथ आने वाली बारिश की बूँदें अपने साथ एक ताजी और खुशबुदार महक लाती है जो हमारे मन और दिल को एक अलग ही आनंद देती है। यह बारिश सिर्फ हमें ही नहीं बल्कि पेड़ पौधों में भी ताजगी लाती है और पौधे पहले से कहीं ज्यादा हरे-भरे दिखाई देने लगते हैं। पौधों के लिए वर्षा का जल, नल के जल की तुलना में अधिक लाभकारी होता है। ऐसे में सभी गार्डनर्स (Gardeners) को यह मालूम होना चाहिए कि मानसून या बरसात में लगाई जाने वाली सब्जियां आखिर कौन कौन सी होती है। अपने सब्जी वाले पौधों में से अधिक सब्जियों को प्राप्त करने के लिए आपको उचित मौसम के अनुसार सब्जी लगाना चाहिए। सही समय पर बेस्ट क्वालिटी के बीज न लगाने से आपको अच्छी उपज नहीं मिल सकती।

पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए एक निश्चित वातावरण की आवश्यकता होती है। तापमान स्तर, नमी, प्रकाश, मिट्टी का पीएच लेवल, ये सभी कारक पौधों की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज के इस लेख में हम आपको भारत में बरसात के मौसम (जून-जुलाई महीने) में घर पर उगाई जाने वाली सब्जियां के बारे में बताएंगें। आइये इसे विस्तार से समझते है.... 

(इसे भी पढ़े :- जाने हैण्ड कल्टीवेटर की उपयोग के बारे मे....) 







बरसात(जून-जुलाई महीने) में लगाई जाने वाली सब्जियां (Monsoon Vegetables) :-


1.  सब्जी का नाम =>  खीरा

लगाने का समय (उत्तर भारत) =>  जून-जुलाई

लगाने का समय (दक्षिण भारत) =>  जून-जुलाई

तापमान =>  16-32° C (60-95° F) 

बुआई का तरीका =>  डायरेक्ट

बीज लगाने की गहराई (इंच मे) =>  1

बीज लगाने की दूरी (इंच मे) =>  2-3

हार्वेस्टिंग का समय (दिन) =>  50-70



2.  सब्जी का नाम =>  टमाटर

लगाने का समय (उत्तर भारत) =>  जून- अगस्त

लगाने का समय (दक्षिण भारत) =>  जून-जुलाई

तापमान =>  20-30° C (70-95° F) 

बुआई का तरीका =>  ट्रांसप्लांट

बीज लगाने की गहराई (इंच मे) =>  1

बीज लगाने की दूरी (इंच मे) =>  3-4

हार्वेस्टिंग का समय (दिन) =>  110-150



3.  सब्जी का नाम =>  हरी मिर्च

लगाने का समय (उत्तर भारत) =>  अगस्त-सितंबर

लगाने का समय (दक्षिण भारत) =>  अगस्त-नवंबर

तापमान =>  30-32° C (70-85° F) 

बुआई का तरीका =>  ट्रांसप्लांट

बीज लगाने की गहराई (इंच मे) =>  1

बीज लगाने की दूरी (इंच मे) =>  3-4

हार्वेस्टिंग का समय (दिन) =>  50-60



4.  सब्जी का नाम =>  बैंगन

लगाने का समय (उत्तर भारत) =>  मध्य जून

लगाने का समय (दक्षिण भारत) =>  जून-जुलाई

तापमान =>  13-21° C (55-60° F) 

बुआई का तरीका =>  ट्रांसप्लांट

बीज लगाने की गहराई (इंच मे) =>  1

बीज लगाने की दूरी (इंच मे) =>  4-5

हार्वेस्टिंग का समय (दिन) =>  50-60



5.  सब्जी का नाम =>  मूली

लगाने का समय (उत्तर भारत) =>  अगस्त-जनवरी

लगाने का समय (दक्षिण भारत) =>  जून-जुलाई

तापमान =>  10-30° C (45-90° F)

बुआई का तरीका =>  डायरेक्ट

बीज लगाने की गहराई (इंच मे) =>  ½

बीज लगाने की दूरी (इंच मे) =>  2-3 इंच

हार्वेस्टिंग का समय (दिन) =>  20-28



6.  सब्जी का नाम =>  बीन्स (Beans)

लगाने का समय (उत्तर भारत) =>  जुलाई-अगस्त

लगाने का समय (दक्षिण भारत) =>  जून-जुलाई

तापमान =>  10-20° C (50-70° F) 

बुआई का तरीका =>  डायरेक्ट

बीज लगाने की गहराई (इंच मे) =>  1

बीज लगाने की दूरी (इंच मे) =>  3

हार्वेस्टिंग का समय (दिन) =>  35-50



7.  सब्जी का नाम =>  भिंडी

लगाने का समय (उत्तर भारत) =>  जून-जुलाई

लगाने का समय (दक्षिण भारत) =>  मई-जून

तापमान =>  20-32° C (60-75° F)

बुआई का तरीका =>  डायरेक्ट

बीज लगाने की गहराई (इंच मे) =>  1

बीज लगाने की दूरी (इंच मे) =>  10-12

हार्वेस्टिंग का समय (दिन) =>  50-60



8.  सब्जी का नाम =>  लौकी

लगाने का समय (उत्तर भारत) =>  जून-जुलाई

लगाने का समय (दक्षिण भारत) =>  जून-जुलाई

तापमान =>  20-32° C (60-70° F)

बुआई का तरीका =>  डायरेक्ट

बीज लगाने की गहराई (इंच मे) =>  1

बीज लगाने की दूरी (फीट) =>  2-3

हार्वेस्टिंग का समय (दिन) =>  50-60



9.  सब्जी का नाम =>  पालक

लगाने का समय (उत्तर भारत) =>  जून-जुलाई

लगाने का समय (दक्षिण भारत) =>  मई-जून

तापमान =>  20-32° C (60-75° F)

बुआई का तरीका =>  डायरेक्ट

बीज लगाने की गहराई (इंच मे) =>  ½

बीज लगाने की दूरी (इंच मे) =>  3-4

हार्वेस्टिंग का समय (दिन) =>  50-60



10.  सब्जी का नाम =>  चुकंदर

लगाने का समय (उत्तर भारत) =>  जून-जुलाई

लगाने का समय (दक्षिण भारत) =>  जून-जुलाई

तापमान =>  20-32° C (60-70° F)

बुआई का तरीका =>  डायरेक्ट

बीज लगाने की गहराई (इंच मे) =>  ½

बीज लगाने की दूरी (फीट) =>  2-3

हार्वेस्टिंग का समय (दिन) =>  50-60







बरसात के मौसम (जून-जुलाई) में घर पर उगाई जाने वाली सब्जियां  (Vegetables that growing in rainy season) :-


जून-जुलाई या बरसात के मौसम में बोई जाने वाली सब्जियां निम्न हैं जो इस प्रकार है..... 


1.  हरी मिर्च (Grow Green Chillies in rainy season) :-

भारतीय व्यंजन यानी कि भोजन का स्वाद तब तक अधूरा रहता है जब तक आप इसे तीखी हरी मिर्च के साथ मसाला नहीं देते। हरी मिर्च उगाने के लिए मानसून(जून-जुलाई) का मौसम काफी अच्छा होता है और सबसे अच्छी बात तो यह है कि आप इन मिर्चों को अपने घर पर ग्रो बैग या गमले मे काफी आसानी से उगा सकते हैं। हरी मिर्च नम और गर्म मौसम में अच्छी तरह से ग्रो हो जाती है।

इसे ट्रांसप्लांट विधि से लगाया जाता है। हरी मिर्च को लगाने के लिए पहले आपको इसके पौधे तैयार करने की जरूरत होती है। इसके लिए आप हरी मिर्च के अच्छी किस्म के बीज लें और हो सके तो उन्हें लगभग 1-2 सेंटीमीटर गहरा और 4-5 सेंटीमीटर दूरी पर लगाएं। लगभग 3-4 सप्ताह बाद आप इसके पौधों को किसी गमले या ग्रो बैग में लगा दें।

हरी मिर्च को घर पर उगाने के लिए किसी ऐसे स्थान चुनाव करे जहाँ पर कुछ समय (लगभग 5-6 घंटे) के लिए धूप आती हो। इसे लगाने के लिए आप सबसे पहले लगभग 10 से 12 इंच का गहरा एक गमला या ग्रो बैग लें। अब उन गमलों या ग्रो बैग मे उन्हें लगभग 1 से डेढ़ इंच गहरा लगाएं। गमले या ग्रो बैग को ऐसी जगह पर रखें जहाँ रोजाना लगभग 5-6 घंटे सूरज की रोशनी मिले। नियमित रूप से जल दें और साथ ही उसकी देखभाल करें। लगभग 50-60 दिनों के बाद मिर्च तोड़ने के लिए तैयार हो जाएगी।





2.  टमाटर (Grow Tomato in rainy season) :-

बरसात के मौसम में टमाटर उगाना बहुत ही आसान होता है। उत्तर भारत में बारिश के मौसम में टमाटर उगाने का सबसे उत्तम समय जून-अगस्त के बीच का होता है और दक्षिण भारत की बात करे तो वहाँ पर जुलाई-अगस्त के बीच टमाटर लगाया जाता है। टमाटर को सूरज की धूप काफी पसंद होती है, लेकिन उन्हें अच्छी तरह से ग्रो होने के लिए जल निकासी वाली मिट्टी/मृदा की आवश्यकता होती है। मानसून में टमाटर लगाने के लिए आप एक गमला या ग्रो बैग लेकर इसमें नीचे अच्छी ड्रेनेज सिस्टम के लिए छेद कर लें। फिर इसमें जैविक खाद के साथ मिट्टी/मृदा को मिलाकर बने मिश्रण को ग्रो बैग में भर दें।

टमाटर को ट्रांसप्लांट विधि से लगाया जाता है। इसे लगाने के लिए पहले आपको इसके पौधे तैयार करने की जरूरत होती है। आप टमाटर के बीज को लगभग ¼ इंच गहरा और लगभग 2-3 इंच दूरी पर लगाएं। लगभग 20 से 25 दिन बाद आप इसके पौधों को किसी गमले या ग्रो बैग में लगा दें। गमले को किसी ऐसी जगह पर रखें जहाँ रोजाना लगभग 5-6 घंटे धूप(सूरज की रोशनी) मिले। टमाटर के बीजों के अंकुरण के लिए आवश्यक आदर्श तापमान लगभग 21 से 27 ℃ के बीच होता है। बुवाई के लगभग 10-14 दिनों में अंकुर दिखने लगेंगे।

(इसे भी पढ़े :- पोटाश उर्वरक क्या है बगीचे में इसके उपयोग और फायदे.....) 






3.  बैंगन (Grow brinjal in rainy season) :-

बैंगन मे आयरन, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा होता है। यह दुनिया के कई व्यंजनों का मुख्य हिस्सा बना हुआ है। बरसात के मौसम में बैंगन के पौधों को अपने बगीचे में उगाना बहुत ही आसान होता है। मानसून मतलब बरसात के मौसम मे बैंगन लगाने के लिए आप एक बड़ा गमला या ग्रो बैग लें, क्योंकि अन्य पौधों की अपेक्षा बैंगन के लिए बहुत अधिक जगह की जरूरत होती है। इसे ट्रांसप्लांट विधि से लगाया जाता है। बैंगन को लगाने के लिए सबसे पहले आपको इसके पौधे तैयार करने की जरूरत होती है। आप बैंगन के बीज को लगभग 1-2 सेंटीमीटर गहरा और लगभग 4-5 सेंटीमीटर दूरी पर लगाएं। लगभग तीन से चार हफ्ते बाद आप इसके पौधों को किसी गमले या ग्रो बैग में ट्रांसप्लांट कर दें।

आप अपने पौधों को नियमित रूप से जल दें और लगभग 1-2 सप्ताह के भीतर बीज अंकुरित होने लगेंगे। बैंगन के पेड़ को नम मिट्टी/मृदा और धूप(सूरज की रोशनी) वाले स्थान पर रखें। आपका बैंगन रोपण के लगभग 1-2 महीने बाद हार्वेस्ट (harvest) करने के लिए तैयार हो जाता है।





4.  भिंडी (Grow ladyfinger in rainy season) :-

भिंडी मे विटामिन ए प्रचुर मात्रा मे और कैलोरी में कम होती है। यह न केवल आपके खाने के लिए एक बढ़िया विकल्प है, बल्कि अपने खूबसूरत फूलों के कारण भी बारिश के मौसम में भी बहुत प्यारा लगता है। अपने घर पर भिंडी लगाने के लिए आप सूरज की रोशनी वाली जगह चुनाव करे। आप एक गमला या ग्रो बैग लेकर इसमें नीचे से छेद(अच्छी जल निकासी के लिए) कर लें। इसमें जैविक खाद और मिट्टी/मृदा को मिलाकर उससे बने मिश्रण को गमले या ग्रो बैग मे पूरी तरह से भर दें। अकुरण की प्रक्रिया meमे तेजी लाने के लिए बीजों को रात भर गुनगुने पानी में भिगो दें। भिन्डी के बीज को लगभग ½ से 1 इंच गहरा और लगभग 12 से 18 इंच दूरी पर लगाएं। बीज बोने के लगभग 2 महीने बाद पहली फसल तोड़ने के लिए तैयार हो जाएगी। भिंडी की हार्वेस्टिंग लगभग 2 से 3 इंच लंबी होने पर ही करें।



 


5.  लौकी (Grow Bottle Gourd in rainy season) :-

लौकी विभिन्न प्रजातियों में आती है, जिनमें से प्रत्येक का अपना अलग आकार, रंग और साइज़ होता है। लौकी उगाने में बेहद ही आसान होती हैं और इन्हें ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता भी नहीं होती है। मानसून के मौसम में घर पर लौकी उगाने के लिए आप अच्छे से अच्छे किस्म का बीज लगाएं। इसके लिए आप एक बड़ा गमला या ग्रो बैग लेकर इसमें नीचे से छेद(अच्छी जल निकासी के लिए) कर लें। अब 3-4 बीजों को लगभग 1-2 इंच की गहराई पर लगाएं और एक दूसरे से लगभग 4-5 फीट की दूरी पर लगाएं। फलों को जमीन(भूमि) मे छूने से रोकने के लिए लौकी की बेल को जाली या क्रीपर नेट पर चढ़ने का सहारा दें। ये पौधे एक जाली या अन्य दीवार के सहारे से काफी तेजी से बढ़ते हैं। जब लौकी की बेल में आने वाले फल पूरी तरह से परिपक्व हो जाएं तो इसको तोड़ लें।

(इसे भी पढ़े :- बेल/लता पर लगने वाली स्वादिष्ट गॉर्ड सब्जियों की पूरी जानकारी.....) 



 


6.  खीरा (Grow Cucumber in rainy season) :-

खीरा बरसात के मौसम में बहुत ही आसानी से उगाई जाने वाली सब्जी है जिसे जल और सूरज की रोशनी काफी पसंद होती है। खीरा बहुत ही तेजी से उगता है क्योंकि उन्हें लगातार जल और गर्मी(सूरज की रोशनी)  मिलती है। यह अपनी बेल की चढ़ाई क्षमता के कारण एक छोटेसे स्थान में काफी आसानी से ग्रो कर सकता है। खीरा आपके सलाद के लिए बिल्कुल सही है। बारिश में खीरा लगाने के लिए किसी ऐसे स्थान का चुनाव करे, जहां पर्याप्त मात्रा में धूप(सूरज की रोशनी) मिल सके। नमी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी/मृदा में खीरा के पौधे काफी अच्छी तरह से ग्रो करते हैं। खीरे के बीज लगभग 1 इंच गहरे और लगभग 2-3 इंच की दूरी वाली पंक्ति में लगाएं। यदि आपके पास सीमित स्थान मतलब कि आपके पास जगह की कमी है या आप खीरे की बेल उगाना चाहते हैं तो इसे जाली का सहारा दें। खीरे को उगाने के लिए आदर्श तापमान लगभग 16-32 °C के बीच होना चाहिए। 


 




7.  बीन्स (Grow Beans in rainy season) :-

मानसून के सीजन में बीन्स को बोना काफी आसान है। बीन्स मे बहुत पौष्टिक तत्व पाए जाते है। भारत में मानसून के मौसम में फलियाँ उगाने का सबसे आदर्श समय जुलाई से अगस्त महीने के बीच होता है। बीन्स के पौधों को बढ़ने के लिए काफी सीमित जगह की जरूरत होती है। बारिश के मौसम में बीन्स को लगाने के लिए आप ऐसे स्थान का चुनाव करे, जहाँ पर आंशिक रूप से धूप(सूरज की रोशनी) आती हो। बीन्स को सीधे ही बगीचे की जमींन में लगाया जाता है। इसके पोधों का प्रत्यारोपित बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए। बीज को एक दूसरे से लगभग 3 इंच की दूरी पर और लगभग एक इंच तक की गहराई में लगाना चाहिए। आपकी बीन्स लगाने के लगभग 1-2 महीने में तोड़ने के लिए तैयार हो जाती है।






8.  मूली (Grow Radish in rainy seasonn) :-

मूली बारिश के मौसम में बेहद आसानी से उगने वाली जड़ वाली सब्जी है जो रोपण के लगभग 3 सप्ताह के भीतर उखाड़ने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है। इसलिए, इसे बरसात के मौसम में कई बार लगाया जा सकता है। मूली का चटपटा स्वाद सलाद और सूप दोनों  में एक नया स्वाद लाता है, और यह पौधा बढ़ने के लिए काफी कम जगह लेता है। भारत में मूली उगाने का काफी अच्छा समय अगस्त से जनवरी के बीच है। अपने बगीचे में मूली उगाने के लिए ऐसी जगह चुने, जहाँ पर दिन में कुछ समय के लिए धूप(सूरज की रोशनी) आती हो।

मूली के बीज को ढीली और काफी अच्छी तरह से सुखी मिट्टी/मृदा में लगाएं, जिससे मूली ठीक तरह से ग्रो हो सके। बीज को कम से कम ½ इंच गहराई और लगभग 2 इंच दूरी पर लगाएं। मूली की पंक्तियों को लगभग 1 फुट दूरी पर लगाया जाना चाहिए। एक सामान्य मूली कम से कम 5 दिनों में अंकुरित हो जाती है और लगभग 35 से 40 दिनों में हार्वेस्ट (harvest) के लिए तैयार हो जाती है।






9.  पालक (Grow spinach in rainy seasonn) :-

पालक सब्जी अत्यधिक पौष्टिक सब्जियों में से एक है जो विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरी होती है। आप पालक के पौधों को बरसात के मौसम में बहुत ही आसानी से घर पर उगा सकते है। आप पालक के बीजों को लेकर किसी गमले या ग्रो बैग में लगभग ½ इंच गहराई पर लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि मिट्टी/मृदा को अधिक गीला होने से बचाए, क्योंकि यह आपके पौधे की वृद्धि को हानि पहुंचा सकती है।

(इसे भी पढ़े :- जून-जुलाई महीने के समय घर पर लगाने वाली सब्जियां.....) 


 





10.  चुकंदर (Grow Beetroot in rainy season) :-

चुकंदर बरसात के मौसम में लगाई जानने वाली सबसे Best सब्जी है जो विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरी हुई हैं। चुकंदर उगाना इतना आसान है कि बागवानी को शुरू करने वाले भी इसे काफी आसानी से किसी भी मौसम में उगा सकते हैं। इसे लगाने के लिए आप एक गमले या ग्रो बैग में मुलायम और अच्छी तरह से सुखी मिट्टी/मृदा को भर लें। अब इस मिट्टी/मृदा में बीज को कम से कम ½ इंच गहरा और लगभग 2 इंच की दूरी पर लगाएं। बीज लगाने के बाद लगभग 50-60 दिनों में चुकंदर तैयार हो जाता है। कुछ विशेष प्रजातियों का चुकंदर लगभग 80 दिनों में तैयार होता है।



 


निष्कर्ष (Conclusion) :-

इस लेख में मानसून या बरसात के मौसम में लगाने वाली सब्जियों के बारे मे जानकारी दी गई है जिनको आप जून-जुलाई(बरसात) के महीनों में अपने घर पर गमले, ग्रो बैग तथा बगीचे मे काफी आसानी से लगा सकते हैं और काफी अच्छा उत्पादन कर सकते है। यदि आप एक बिगिनर है और बागवानी की शुरूआत करना चाहते है तो बरसात का मौसम इसके लिए सबसे अच्छा मौसम होता है। उम्मीद है यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित रहा होगा। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी साईट gardenglance.blogspot.com पर विजिट कर सकते हैं। इस आर्टिकल से सम्बंधित आपके जो भी सवाल या सुझाव हों, कृपया कमेंट में जरूर बताएं।


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